नई दिल्ली। भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा जारी एक विशेष बुलेटिन के अनुसार देश में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में कमी आई है और 2014-16 में प्रति लाख बच्चों के जन्म पर 130 माताओं की मौत की तुलना में 2018-20 में 97 माताओं की मृत्यु प्रति लाख जन्म हुई। किसी क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर इलाके में महिलाओं के प्रसव संबंधी स्वास्थ्य को मापने का आधार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मातृ मृत्यु 1 महिला की गर्भावस्था के दौरान या गर्भपात के 42 दिनों के भीतर होने वाली मृत्यु है, चाहे गर्भावस्था की अवधि और स्थान कोई भी हो। यह गर्भावस्था या इसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से होने वाली मौत है लेकिन दुर्घटना संबंधी कारणों से नहीं।