Hathras stampede : मायावती ने की भोले बाबा पर कार्रवाई की मांग, क्या बोले अखिलेश?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 6 जुलाई 2024 (12:48 IST)
Hathras stampede : हाथरस मामले में 121 लोगों की मौत के 4 दिन बाद पहली बार किसी राजनीतिक दिग्गज ने नारायण साकार उर्फ भोले बाबा पर कार्रवाई की मांग की। इधर अखिलेश गिरफ्तारियों की जांच की मांग करते हुए कहा कि छोटी मोटी गिरफ्तारियां दिखाकर शासन प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहता है। ALSO READ: सियासी राजनीतिक दल क्यों मौन हैं भोले बाबा पर? किस तरह लाभ कमाता था भोले बाबा
 
मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर गरीबों, दलितों और पीड़ितों को सलाह दी कि वे गरीबी और अन्य सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे व्यक्तियों के पाखंड से गुमराह न हों। उन्होंने कहा कि हाथरस कांड में भोले बाबा सहित जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे अन्य स्वयंभू बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई जरूरी है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि देश में गरीबों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी और अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के ‘भोले बाबा’ जैसे बाबाओं के अंधविश्वास व पाखंड के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि इन लोगों को डॉ. भीमराव आम्बेडकर के बताये रास्तों पर चलना होगा और सत्ता अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी। अर्थात उन्हें अपनी पार्टी बसपा से जुड़ना होगा, तभी वे हाथरस जैसे कांड से बच सकते हैं। इस घटना में 121 लोगों की मौत हुई है जो अति-चिंताजनक है। ALSO READ: हाथरस हादसे के बाद पहली बार सामने आया भोले बाबा, जानिए क्या कहा?
 
क्या बोले अखिलेश : सपा नेता अखिलेश ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश का शासन-प्रशासन हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए, छोटी-मोटी गिरफ्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी।
 
उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन किसी ख़ास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है, जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है। ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो, जिससे यूपी की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके।
 
अखिलेश ने कहा कि अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था, तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकांश गरीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित, दमित थे, इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है। जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ़ ही जाना चाहिए। 
 
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हाथरस में ‘भोले बाबा’ के सत्संग में भगदड़ मचने से कुल 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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