पूर्व सीएम ने रविवार को दो ट्वीट्स में कहा कि राज्यों को केंद्र सरकार की बात माननी चाहिए। उन्होंने कहा- "काफी समय बाद अब केन्द्र ने देश में हर तरफ बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व तनाव आदि की मार से त्रस्त बदहाल जीवन जीने को मजबूर लोगों को पेट्रोल-डीजल के शुल्क में थोड़ी राहत दी है, अब यूपी व अन्य राज्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वे केन्द्र की बात मानकर इन पर तत्काल वैट कम करें"
मायावती ने मांग की है कि केंद्र और राज्य महंगाई की समस्या पर ध्यान दें। उन्होंने लिखा- "इसी प्रकार, अब समय आ गया है कि केन्द्र व राज्य सरकारें, राजनीतिक स्वार्थ व आपसी नफा-नुकसान को त्यागते हुए, साथ मिलकर दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही इन राष्ट्रीय समस्याओं पर समुचित ध्यान दें, ताकि यहाँ आम जनजीवन सामान्य हो सके"
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की कमी करने और इस वर्ष प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति गैस सिलिंडर (12 सिलिंडर तक) 200 रुपये की सब्सिडी प्रदान किए जाने के निर्णय हेतु प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया।
CMO के अनुसार सीएम ने कहा- ने कहा कि सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में कमी किए जाने से पेट्रोल की कीमत ₹9.50 प्रति लीटर तथा डीजल की कीमत ₹7 प्रति लीटर घट जाएगी। पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस के दामों में कटौती से प्रदेश के किसानों, गरीब परिवारों की महिलाओं सहित आमजन को बहुत राहत मिलेगी।