श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि घाटी में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती एक बाध्यता है और स्थिति के सामान्य होते ही उन्हें बैरकों में वापस भेज दिया जाएगा तथा शरारती तत्वों द्वारा की जाने वाली तोड़फोड़ और वाहनों को निशाना बनाए जाने के मद्देनजर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों की तैनाती की गई है।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ (अर्द्धसैनिक बल) की तैनाती मनमर्जी से नहीं की जाती है, बल्कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाती है, जो सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने अपील की कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर स्थिति को सामान्य बनाने में माता-पिताओं को सरकार की मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि छात्रों के पास (प्रश्नों और उत्तरों के संदर्भ में) अधिक विकल्प होंगे, क्योंकि वे कश्मीर में हालात की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए हैं तथा जहां तक संभव होगा, हम सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए ट्यूशन के प्रबंध भी करेंगे जिससे कि वे परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। हम पाठ्यक्रम कम करने पर भी विचार करेंगे, लेकिन परीक्षाएं समय पर आयोजित होंगी। (भाषा)