नई दिल्ली। मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए नए प्रस्ताव की तैयारी कर रही है। इस प्रस्ताव के तहत पेट्रोल-डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन महंगा हो सकता है।
नए प्रस्ताव के अनुसार 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने के लिए भी अब और ज्यादा फीस चुकानी पड़ेगी। अब पुरानी गाड़ियों के लिए हर 6 महीने में फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। पहले साल में एक बार फिटनेस सर्टिफिकेट लगता था, वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन और रिन्यू पूरी तरह फ्री होगा।
नए प्रस्ताव के अनुसार अब नए टू व्हीलर की रजिस्ट्रेशन फीस 1000 रुपए और पुराने टू व्हीलर की रजिस्ट्रेशन फीस 2000 रुपए होगी। नए इंपोर्डेट टू व्हीलर पर 5000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी।
पुराने इंपोर्डेट टू व्हीलर पर 10000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस देना होगी। नई कारों पर 5000 रुपए और पुरानी कारों पर 15000 रजिस्ट्रेशन फीस लागू होगी। नई इंपोर्डेट कारों पर 20000 रुपए और पुरानी इंपोर्डेट कारों पर 40000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लागू होगी।
बैटरी वाहनों की दरों में कटौती का फैसला : जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक में बैटरी से चलने वाली कार और स्कूटर में जीएसटी की दर में कटौती करने का फैसला हो गया है। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जीएसटी दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गईं। नई दरें 1 अगस्त से लागू हों गी।
यह प्रस्ताव पिछली जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी आया था। इसके अतिरिक्त स्थानीय अथॉरिटी द्वारा 12 यात्रियों से अधिक की क्षमता वाली इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर जीएसटी से छूट देने का फैसला किया गया।