नई दिल्ली। मोदी सरकार की निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन पर्यावरण को बचाने और कच्चे तेल के आयात में कटौती के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना जारी रखा जाएगा।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि ई - वाहन प्राथमिकता में है लेकिन ईंधन की बढती जरूरतों को बीएस-6 मानक वाले पेट्रोल एवं डीजल, सीएनजी, जैव ईंधन के साथ ही ई - वाहन सभी को मिला जुलाकर पूरा किया जाएगा।
प्रधान ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थों की अभी भी सबसे ज्यादा मांग है और इस तरह के वाहनों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के ईंधनों का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें सीएनजी, पीएनजी, जैव ईंधन और बायोगैस की जरूरत होगी।
देश में एक अप्रैल 2020 से यूरो- छह मानक के पेट्रोल, डीजल का इस्तेमाल शुरू होगा। इसके साथ ही सरकार वाहनों में खासतौर से सार्वजनिक वाहनों में सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दे रही है। सरकार पेट्रोल, डीजल में भी एथनॉल और दूसरे खाद्य तेलों के मिश्रण पर जोर दे रही है ताकि परंपरागत तेल पर निर्भरता को कम किया जा सके।