अधिकारियों ने यहां यह जानकारी की। फारूक को अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान रद्द किए जाने के मद्देनजर नजरबंद किया गया था। अंजुमन औकाफ़ जामिया मस्जिद (मस्जिद की प्रबंधन समिति) के अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज को यहां नौहट्टा इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति होगी।
औकाफ़ ने एक बयान में कहा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुरुवार को मीरवाइज के आवास गए और उन्होंने उन्हें सूचित किया कि उन्हें नजरबंदी से रिहा करने एवं जुमे की नमाज के लिए जामिया मस्जिद जाने की अनुमति देने का फैसला किया गया है। विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रमुख और अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज ने कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अदालत ने 15 सितंबर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को मीरवाइज की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था। हुर्रियत नेता पांच अगस्त, 2019 से नजरबंद थे। केंद्र ने इसी दिन जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा रद्द कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)