सरकार का दावा : कम हुआ सांप्रदायिक तनाव, मॉब लिंचिंग का संबंध किसी दल विशेष से नहीं
बुधवार, 24 जुलाई 2019 (16:28 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में देश में सांप्रदायिक तनाव में कमी आने का दावा किया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि मॉब लिंचिंग का संबंध किसी दल विशेष से नहीं है।
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि 2013 में सांप्रदायिक घटनाओं के 823 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2018 में इनकी संख्या घटकर 708 रह गई।
रेड्डी ने कहा कि यह वास्तविकता है कि देश में सांप्रदायिक घटनाओं में कमी आई है। सांप्रदायिक हिंसा या किसी अन्य प्रकार की हिंसा के प्रति हमारी सरकार का इरादा जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति का पालन करने का है।
सांप्रदायिक हिंसा के मामलों का रिकॉर्ड दर्ज करने और इन आंकड़ों के स्रोत से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2014 से देश में सांप्रदायिक घटनाओं का रिकॉर्ड दर्ज करना शुरू किया है। हालांकि इसे 2017 में बंद करना पड़ा क्योंकि पहले (आईबी) इन मामलों के जो रिकार्ड दर्ज करती थी उसमें संबद्ध राज्य सरकारों द्वारा दर्ज प्राथमिकता से भिन्नता पाई गई। इस पर राज्य सरकारों द्वारा रिकार्ड में भिन्नता पर आपत्ति दर्ज करने के कारण एनसीआरबी ने 2017 में इसका रिकार्ड दर्ज करना बंद कर दिया।
सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए अलग से कानून बनाने के सवाल पर उन्होंने मौजूदा कानून को पर्याप्त बताते हुए कहा कि सांप्रदायिक तनाव और हिंसा से निपटने के लिए नया कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। केन्द्र सरकार समय समय पर राज्य सरकारों को इस बारे में खुफिया जानकारियां साझा करने के साथ-साथ परामर्श भी जारी करती रहती है।
मॉब लिंचिंग का संबंध किसी दल विशेष से नहीं : सरकार ने मॉब लिंचिंग का संबंध किसी दल विशेष नहीं होने का दावा करते हुए स्पष्ट किया है कि देश में मॉब लिंचिंग का एक समान स्वरूप नहीं है। विभिन्न राज्यों में अलग अलग कारणों से ऐसी घटनायें दर्ज की गई हैं।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि प्राप्त तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि देश में मॉब लिंचिंग का एक समान स्वरूप नहीं है। विभिन्न राज्यों में अलग अलग कारणों से इस तरह की घटनाएं हुई हैं।
रेड्डी ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही देश को मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचने के बारे में लोगों अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के शासन वाले राज्यों में अलग अलग समय पर इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि इससे किसी दल विशेष का कोई संबंध नहीं है। अलग अलग जगह विभिन्न समय पर मॉब लिंचिंग हुई है। हमारी सरकार का मानना है कि किसी भी स्थान पर किसी भी समय मॉब लिंचिंग नहीं होनी चाहिए और इन घटनाओं को रोकने के लिए कानून के मुताबिक कार्रवाई हो, इसके लिए राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया जाता है। (भाषा)