नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चीनी उद्योग के लिए 8,500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज को मंजूरी दी। इसमें मिलों को एथनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सस्ते ऋण की 4,500 करोड़ रुपए की सुविधा तथा चीनी का 30 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की योजना भी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के इन निर्णयों के तहत सरकार चीनी मिलों को एथनॉल उत्पादन की नई क्षमता खड़ी करने और वर्तमान क्षमता के विस्तार के लिए ऋण पर ब्याज सहायता के लिए 1,300 करोड़ रुपए देगी।
गन्ने से निकाले जाने वाले एथनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल में मिश्रण के लिए किया जाएगा। इससे किसानों को गन्ने का लाभदायक मूल्य दिलाने तथा पेट्रोलियम आयात भी कम करने में मदद मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि चीनी के बफर स्टॉक बनाने पर 1,200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
इसके अलावा इस पैकेज में गन्ना किसानों को उत्पादन आधारित सीधे के भुगतान की योजना के लिए 1,540 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। यह योजना पिछले महीने के शुरू में मंजूर की गई थी। इसके तहत किसानों को प्रति क्विंटल 5.5 रुपए का भुगतान करने का फैसाला किया गया था। केंद्र पहले ही चीनी आयात पर शुल्क को दोगुना करके 100 प्रतिशत कर चुकी है।
सरकार ने मिलों के पास नकदी का प्रवाह बढ़ाने के लिए 20 लाख टन चीनी का निर्यात करने की छूट पहले ही दे रखी है। गौरतलब है कि चीनी की आपूर्ति बढ़ने से चीनी का बाजार नीचे आ गया है। इस समय गन्ना किसानों का मिलों पर बकाया 22,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। (भाषा)