पीएम बोले, हम आम सहमति का सम्मान करते हैं, राजनीतिक छुआछूत हमारा संस्कार नहीं

Webdunia
गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021 (14:36 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भाजपा राजनीतिक छुआछूत में भरोसा नहीं करती है और देश चलाने के लिए वह आम सहमति का सम्मान करती है। भाजपा के विचारक और जनसंघ के अध्यक्ष रहे दीनदयाल उपाध्याय की 53वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों में भाजपा अपने विरोधियों के खिलाफ पूरी शक्ति से लड़ती है। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि वह अपने राजनीति विरोधियों का सम्मान नहीं करती।
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उन्होंने इस कड़ी में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और पूर्व राज्यपाल एससी जमीर का नाम लिया और कहा कि इनमें से कोई भी राजनेता हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा कभी नहीं रहे। लेकिन राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक दल हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं, हम चुनाव में पूरी शक्ति से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं, पर इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने राजनीतिक विरोधी का सम्मान न करें।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक अस्पृश्यता का विचार भाजपा का संस्कार नहीं है और आज देश भी इस विचार को अस्वीकार कर चुका है। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और सरकार पटेल जैसी राष्ट्रीय विभूतियों को सरकार द्वारा दिए गए सम्मान का उल्लेख करते हुए कहा कि दूसरी सरकारें ऐसा नहीं करतीं। उन्होंने संसद में दिए उस बयान का भी उल्लेख किया कि सरकारें बहुमत से चलती हैं लेकिन देश आम सहमति से चलता है।
 
मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय और एकात्म मानववाद के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम इन्हीं से प्रेरित हैं। भारत ने विदेश नीति में 'राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत का हमेशा अनुसरण किया है और वह कभी भी किसी बाहरी दबाव में नहीं आया।
 

उन्होंने देशभर की भाजपा इकाइयों से आग्रह किया कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है और वे इस अवसर पर समाजसेवा के 75 संकल्पों को पूरा करने का बीड़ा उठाएं। उन्होंने पार्टी सांसदों को यह सुझाव भी दिया कि दैनंदिन जीवन में इस्तेमाल होने वाले सामानों की वे सूची बनाएं और विदेशी सामानों की जगह देशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दें। पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु सहित 5 राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सकारात्मक सोच और परिश्रम के आधार पर जनता के बीच जाने का सुझाव दिया। (भाषा)

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