भागवत ने मोरहाबादी स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के फुटबाल मैदान में स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को संगठित करने के अलावा संघ का कोई और काम नहीं है। यह भ्रम फैलाया जाता है कि संघ देश के सभी मामलों में हस्तक्षेप करता है। ऐसा कई लोग कहते हैं। इमरान खान भी कहते हैं।
भागवत ने कहा कि विश्व में राष्ट्रवाद को अच्छे अर्थ में नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के एक कार्यकर्ता ने कहा कि अंग्रेजी आपकी भाषा नहीं है और आप जो पुस्तक में पढ़ें हैं उसके अनुसार बोलेंगे परन्तु बातचीत में शब्दों के अर्थ भिन्न हो जाते हैं। इसलिए आप नेशनलिज्म (राष्ट्रवाद), इस शब्द का उपयोग न कीजिए।
उन्होंने कहा कि आप नेशन (राष्ट्र) कहेंगे, चलेगा, नेशनल (राष्ट्रीय) कहेंगे, चलेगा, नेशनलिटी (राष्ट्रिक) कहेंगे, चलेगा। नेशनलिज्म न कहो क्योंकि नेशनलिज्म का मतलब होता है हिटलर, नाजीवाद, फासीवाद। समाज में ऐसे ही शब्दों का बदलाव हुआ है।