इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर अभियोजक की शिकायत के आधार पर साल 2015 में कुरैशी के खिलाफ पीएमएलए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी ने एक बयान में कहा कि इसकी जांच में इन तथ्यों का पता चला कि कुरैशी की मिलीभगत से उच्च सार्वजनिक पदों पर आसीन कुछ व्यक्तियों की भी इनमें भूमिका है और इस तरह गैरकानूनी रूप से बड़ी मात्रा में धन की हेराफेरी की गई।
निदेशालय को आयकर विभाग से बीबीएम (ब्लैकबेरी मैसेंजर) संदेशों के रूप में रिकॉर्ड मिले हैं, जिसमें खुलासा हुआ है कि कुरैशी ने अपने निजी प्रभाव का इस्तेमाल कर लोक सेवकों से अनुचित लाभ हासिल करने के लिये विभिन्न व्यक्तियों से भारी मात्रा में धन लिया है। (भाषा)