दो हजार पांच के इस मामले में आरोपपत्र अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा की अदालत में दाखिल किया गया। शाह और वानी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। शाह को 25 जुलाई को श्रीनगर से गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली की अदालत में पेश किया गया था। अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय की इस दलील के बाद कि शाह आतंकवादी गतिविधियों के लिए चोरी-छिपे धन मुहैया करा रहा है, अदालत ने शाह को प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
अदालत में दायर आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि शाह ने कबूल किया है कि कश्मीर मसले पर वह लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद से फोन पर बात करता रहा है और हाल ही में जनवरी में उसने हाफिज से फिर बात की थी। ईडी ने यह भी कहा है कि जम्मू कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियां संचालित करने के लिए शाह पाकिस्तान से चोरी-छिपे पैसे मंगाता है।
ईडी ने आरोप पत्र में हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि वानी पाकिस्तानी हवाला कारोबारी शफी शैयार से हवाला के पैसे प्राप्त करता रहा है और उसे शाह को भेजता रहा है। उसका कहना है कि यह बात खुद वानी ने कबूल की है। वानी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 26 अगस्त में 63 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, वानी ने शाह को सवा दो करोड़ रुपए देने की बात कबूल की है। (वार्ता)