हालांकि यह भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद अहम सौदा माना जा रहा है। लेकिन इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से अनुमति मिलने का मतलब यह नहीं है कि यह सौदा हो ही जाएगा।
उन्होंने कहा कि डिलीवरी के समय को लेकर हम भारत सरकार से आने वाले महीनों में बातचीत कर बताएंगे। प्रस्तावित मेगा ड्रोन सौदे का एलान पिछले साल जून में पीएम नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी।
उन्होंने कहा कि 3.99 अरब डालर के सौदे के तहत भारत को 31 हाई एल्टीट्यूड लांग एंड्योरेंस यूएवी मिलेंगे। यह भारत को एक उन्नत समुद्री सुरक्षा और समुद्री डोमेन जागरूकता क्षमता प्रदान करेगी।
मानवरहित विमानों में क्या ख़ास है?
ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स एरोनॉटिकल ने एमक्यू-9बी के बारे में बताया है कि यह ऐसा मानवरहित विमान है, जिसे दूर से उड़ाया और कंट्रोल किया जा सकता है।
इस तरह के विमानों को रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ़्ट सिस्टम (आरपीएस) कहा जाता है।
दूर से बैठकर इसे ऑपरेट करने वाले पायलट को सब कुछ वैसा नजर आता है, जैसा कि सामान्य विमान को उड़ाने पर दिखता है।
इसमें आधुनिक रडार सिस्टम और सेंसर लगे हैं। यह अपने आप टेकऑफ और लैंड कर सकता है।
यह उपग्रह की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है और इसे 40 घंटों से ज़्यादा समय तक दिन-रात, हर तरह के मौसम में उड़ाया जा सकता है।
यह 2155 किलो वज़न लेकर उड़ सकता है।
MQ 9B ड्रोन स्काईगार्डियन को दुनिया भर में युद्ध से लेकर पर्यावरण और मानवीय अभियानों में इस्तेमाल किया गया है।
स्काईगार्डियन आम व्यावसायिक विमानों की तरह उड़ान भर सकता है और सेनाएं या सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से इनका इस्तेमाल कर सकती हैं।
इस विमान को खुफिया सूचनाएं जुटाने, टोह लेने और निगरानी करने सूचनाएं जुटाने, टोह लेने (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉनसन्स या आईएसआर) के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कुछ खास बातें
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इमरजेंसी में मददगार
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मानवीय मदद पहुंचाना
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खुफिया सूचनाएं जुटाने में मददगार
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सीमाओं की निगरानी करना
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हवाई हमलों को अंजाम देना
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तलाशी और रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद
Edited by Navin Rangiyal