मुख्तार अंसारी का जनाजा आज सुबह उनके पैतृक आवास से निकला गया। इसमें उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी, सिगबतुल्लाह अंसारी, पुत्र उमर अंसारी और भतीजे विधायक सुहेब अंसारी समेत परिवार के सदस्य तथा समर्थक शामिल रहे। इस बीच भीड़ ने नारे भी लगाये।
अफजाल अंसारी ने कब्रिस्तान पहुंचकर लोगों को समझाया कि भीड़ एकत्र न करें और शांति बनाये रखने की अपील की। बाद में सिगबतुल्लाह भी वहां पहुंचे।
कालीबाग में ही अंसारी परिवार के लोगों को दफनाया जाता रहा है और मुख्तार के शव को माता-पिता की कब्र के पास ही दफनाया गया।
मुख्तार अंसारी को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। हालांकि, पोस्टमार्टम से इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
बांदा मेडिकल कालेज में शुक्रवार को अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कराये जाने के बाद शाम पौने पांच बजे 26 वाहनों के सुरक्षा काफिले के साथ उसका शव करीब साढ़े आठ घंटे में लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद देर रात एक बजकर 10 मिनट पर उसके पैतृक आवास पर लाया गया। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंसारी के आवास पर काफी भीड़ जमा हो गई।