बताया जा रहा है कि बाढ़ वाले क्षेत्रों में यह बीमारी तेजी से फैलती है। अगर सावधानी नहीं बरती गई तो यह बीमारी इंसान, चूहों और पालतू जानवरों को आसानी से अपनी जद में ले सकती है। यह बीमारी मल-मूत्र से पैदा होने वाली लेप्टोस्पायल नाम के बैक्टीरिया से फैलती है।
लेप्टोस्पायरोसिस एक जीवाणु रोग है, जो मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित करता है। यह लेप्टोस्पिरा जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमित जानवरों के मूत्र के जरिये फैलता है, जो पानी या मिट्टी में रहते हुए कई सप्ताह से लेकर महीनों तक जीवित रह सकते हैं।
इस बीमारी के लक्षण बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, डायरिया, आंखों का लाल होना है। इसके अलावा इस बीमारी स पीड़ित व्यक्ति को थकान भी महसूस होती है।