'बीबीसी 100 वीमेन- सीज़न 2019' के मौके पर नंदिता दास ने कहा कि दुनिया में बहुत-सी लिंचिंग, युद्ध, बलात्कार, दंगे, गाली-गलौज जैसे घटनाएं होती हैं। लेकिन, यदि निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी तो हमारे पास एक शांतिपूर्ण दुनिया होगी। उन्होंने भारत में शरीर की त्वचा के रंग के आधार पर भेदभाव की बात भी कही। नंदिता इस भेदभाव के खिलाफ अभियान भी चलाती हैं।
न्यूजीलैंड की 67 वर्षीय नारीवादी अर्थशास्त्री एवं पर्यावरणविद मैरिलिन वैरिंग ने कहा कि महिलाएं इस ग्रह पर सबसे महत्वपूर्ण भोजन उपलब्ध करवाती हैं, वह है स्तनपान। उन्होंने भविष्य के लिए महिलाओं को सुरक्षित स्तनपान की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही।
भारत की पहली स्पेस एंटरपेन्योर और जलवायु परिवर्तन को लेकर कार्य कर रहीं सुष्मिता मोहंती ने कहा कि मुझे डर है कि हमारी पृथ्वी 3 से 4 पीढ़ियों के बाद रहने लायक नहीं रहेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इंसान जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूक होगा। वहीं इसराइल की फैशन डिजाइनर डेनिट पेलेज ने फैशन में 3डी तकनीक के बारे में बात की।