माना जा रहा है कि केन्द्र में इस फार्मूले को अपनाय जा सकता था, लेकिन अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी कलराज को हटाने की रिस्क नहीं ले पाए। हालांकि यह कहा जा रहा है कि उनका कद कम किया जा सकता है। दूसरी ओर अल्पसंख्यक होने के नाते नजमा हेपतुल्ला को भी जीवनदान मिल गया।
दूसरी ओर मंत्री तय सीमा से ज्यादा न हो जाएं इसलिए निहालचंद मेघवाल, सांवरलाल जाट, मनसुख वसावा, रामशंकर कठेरिया, मोहन कुंडारिया, जीएम सिद्धेश्वरा से इस्तीफा ले लिया गया है।