नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को जापान की 3 दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो गए, जहां वे जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ वार्षिक शिखर बैठक करेंगे। मोदी की अपनी यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु सहयोग और एक अंतरसरकारी समझौता तथा 12 लड़ाकू विमानों को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
अपनी यात्रा के दौरान मोदी जापान के सम्राट से भी मुलाकात करेंगे। मोदी आबे के साथ हाईस्पीड रेलगाड़ी शिनकानसेन से कोबे जाएंगे। इस तरह की रेलगाड़ी मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल लाइन पर भी चलाई जानी है। दोनों नेता कोबे में कावास्की भारी उद्यम फैक्टरी भी जाएंगे, जहां हाईस्पीड रेलगाड़ी का निर्माण किया जाता है।
जापान रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जापान के बीच हाईस्पीड रेलवे सहयोग हमारे सहयोग की ताकत का उज्ज्वल उदाहरण है। यह न केवल हमारे उद्योग और निवेश के संबंधों को बढ़ावा देगा बल्कि इससे भारत में नौकरियां भी पैदा होंगी, बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु समझौता होने की उम्मीद है, क्योंकि इस मामले में औपचारिक प्रक्रियाएं पहले ही पूरी हो गई है। दोनों देशों के बीच 1.6 अरब डॉलर के 12 लड़ाकू विमानों का समझौता होने की उम्मीद है। रक्षा खरीद परिषद की सोमवार को हुई बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया गया था।
जापान की ओर से भारत को मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल के अलावा अन्य 6 मार्गों पर रेल कॉरिडोर परियोजना की पेशकश करने की संभावना है। जापान इस रेल कॉरिडोर के लिए भारत को अपनी तकनीक की भी पेशकश कर सकता है। इसके अलावा आबे भारत में रेल संयत्र निर्माण के लिए जापानी और भारतीय कंपनियों के बीच एक संयुक्त उद्यम की स्थापना के लिए जापान की सरकार से पेशकश कर सकते हैं। (वार्ता)