पहले लोकसभा में फिर राज्यसभा में मोदी ने जमकर प्रहार किए। दरअसल, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि आधार को कांग्रेस अपनी योजना बताती है, जबकि 7 जुलाई 1998 को इसी सदन में तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि एक ऐसा कार्ड होगा जो नागरिकता की पहचान का सबूत होगा। यहीं से आधार कार्ड की नींव पड़ी। मोदी के इतना कहते ही रेणुका बहुत जोर से हंस पड़ीं।
इस पर सभापति वेंकैया नायडू ने भी नाराजगी जताई, लेकिन मोदी ने उन्हें रोकते हुए कहा कि सभापति जी, आप रेणुका जी को कुछ मत कहिए। रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी अब सुनाई दी है। मोदी के इतना कहते ही सदन में जोर का ठहाका गूंज उठा। मोदी का आशय समझा जा सकता है। संभवत: उनका इशारा 'राक्षसी अट्टहास' की तरफ था।
फिर रेणुका तिलमिलाईं : मोदी की बात पर खिसियाई रेणुका ने आपत्ति जताई, लेकिन ठहाकों की गूंज में उनकी आपत्ति दब गई। रेणुका चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे महिलाओं का सम्मान करते हैं वहीं महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी की जा रही है।
...और बाद में आनंद शर्मा की बारी : रेणुका के बाद मोदी ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा को भी निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि आनंद जी आप तो लंबे समय से यहां बैठे हैं, बोलने का आपका अपना स्टाइल है। आप तो बर्फ का छुरा बनाकर भी घोंप सकते हैं।