सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने भरोसा जताया कि सभी सदस्य संसद के मानसून सत्र का जनहित में अधिकतम उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि चर्चा जितनी ज्यादा और जितनी पैनी होती है, जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले निर्णय उतने ही अच्छे होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चर्चा जब समृद्ध होती है तो निर्णय भी परिणामोन्मुखी होते हैं इसलिए मैं सभी राजनीतिक दलों से, सभी सांसदों से इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को आगे बढ़ाने का आग्रह करता हूं। यह सत्र अनेक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान जो विधेयक लाए जा रहे हैं, वे सीधे-सीधे जनता के हितों से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने प्रस्तावित डेटा संरक्षण विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब युवा पीढ़ी डिजिटल दुनिया के साथ नेतृत्व कर रही है, उस समय यह विधेयक देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला है।
मोदी ने कहा कि उसी प्रकार से नेशनल रिसर्च फाउंडेशन नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक बहुत बड़ा कदम है जिसका उपयोग अनुसंधान को बल देगा। कुछ अन्य प्रस्तावित विधेयकों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक महत्वपूर्ण विधेयक इस बार संसद में आ रहे हैं। ये जनहित के हैं, युवा हित के हैं, ये भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं। मुझे विश्वास है कि सदन में गंभीरतापूर्वक चर्चा करके हम बहुत तेजी से राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण कदमों को आगे बढ़ाएंगे।