न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत दुनिया को इससे सतर्क रहने का आह्वान इसलिए कर रहा है क्योंकि हमने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं।
मोदी ने शुक्रवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत ने बहुत बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता और आक्रोश दोनों हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ है।
आतंकवाद बड़ी चुनौती : आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी एक देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया और मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर बंटी दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचा रही है जिनके आधार पर संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ है, इसलिए मानवता की खातिर आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत और एकजुट होना अनिवार्य है।
भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए वह आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है।
मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह दूसरा संबोधन है। पहली बार उन्होंने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था।
नरेन्द्र मोदी ने और क्या कहा...
मैं चाहता हूं कि भारत के अनुभव पूरी दुनिया के काम आएं।
देश की सीमा से परे अपनत्व की भावना भारत की विशेषता है।
ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ कदम उठाने में भारत हमेशा आगे रहा। हमारे सपने पूरी दुनिया के लिए हैं।
गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए।
हम जन कल्याण से जग कल्याण के बारे में सोचते हैं। हमारी संस्कृति जीव में शिव देखती है।
हम कर्तव्य भाव से प्रेरित होकर काम करते हैं। हमने पूरी दुनिया को प्रेरक संदेश दिया है।
37 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंक खाते खुलवाए गए।
5 साल में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए।
भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना चला रहा है। 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है।
पहले से ज्यादा जनादेश मुझे मिला। जनादेश से निकला संदेश बड़ा और व्यापक है।
मैंने यूएन में पढ़ा था- नो यूज ऑफ सिंगल प्लास्टिक। हम भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं।