प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल में उड़ी हमले को लेकर जिस तरह के तेवर दिखाए थे, वे आज देखने को नहीं मिले। उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल हमले पर एक शब्द भी नहीं बोला।
दरअसल, प्रधानमंत्री स्वच्छता पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे और पूरे समय उनका भाषण स्वच्छाता पर ही केन्द्रित रहा। लोगों को उम्मीद थी मोदी भारतीय सेना की कार्रवाई पर कुछ न कुछ जरूर बोलेंगे, लेकिन वे नहीं बोले।
आखिर क्या वजह रही कि मोदी ने इस हमले पर एक शब्द भी नहीं बोला? जानकारों की मानें तो मोदी ने सैन्य कार्रवाई पर न बोलकर समझदारी का ही परिचय दिया है। यदि वे इस हमले पर बोलते तो संभव है देश की सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर राजनीति शुरू हो जाती। विपक्ष के लोग कह सकते थे कि मोदी इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो जाती तो लोगों में राष्ट्र और सेना के प्रति जो भावना पैदा हुई है, वह भी कम हो जाती।
आप चाहें तो मोदी के स्वच्छता पर भाषण को सर्जिकल हमले से भी जोड़कर देख सकते हैं। उन्होंने पूरे समय स्वच्छता की बात की और आतंकवादियों पर हमला भी तो एक तरह की सफाई ही है। हालांकि कुछ तथाकथित लोगों ने तो इस कार्रवाई को लेकर भी मीन-मेख निकालना शुरू कर दिया है। यह काम सोशल मीडिया पर ज्यादा चल रहा है।
कुछ लोगों का मानना है कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। सर्जिकल हमले तो पहले भी होते रहे हैं, लेकिन बताए नहीं जाते थे। कुछ लोग सर्जिकल हमले को तो स्वीकार करते हैं, लेकिन इसका क्रेडिट सरकार को देना नहीं चाहते। ऐसे लोगों का मानना है कि हमला तो सेना ने किया है, इसमें मोदी का क्या? अब ऐसे लोगों को कौन समझाए कि सेना और सरकार अलग अलग नहीं हैं।
इतना ही नहीं विघ्नसंतोषी तो यह भी कहने से नहीं चूक रहे हैं कि बंसल आत्महत्या मामले में अमित शाह को बचाने के लिए पाकिस्तान पर हमले की खबर सुनियोजित तरीके से सामने लाई गई हैं। अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि मोदी इस हमले पर क्यों नहीं बोले। बोलते तो बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगती।