जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बढ़ती ताकत को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि आज भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल में समाज के हर उपेक्षित एवं वंचित तबके को सशक्त करने का प्रयास किया है और वह वंचितों को वरीयता मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है।
मोदी भीलवाड़ा जिले के मालासेरी में लोक देवता भगवान श्री देवनारायण के अवतार महोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है। आज भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है इसलिए ऐसी हर बात, जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है। हमें अपने संकल्पों को सिद्ध कर दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर मैंने लाल किले की प्राचीर से पंच प्रण पर चलने का आग्रह किया था। उद्देश्य यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रखें। अपने मनीषियों के दिखाए रास्ते पर चलना और हमारे बलिदानी शूरवीरों के शौर्य को याद रखना भी इसी संकल्प का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वह स्थान नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे लेकिन आज का नया भारत बीते दशकों में हुई उन भूलों को भी सुधार रहा है। अब भारत की संस्कृति व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए देश के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उसे सामने लाया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का यह कालखंड भारत के विकास के लिए, राजस्थ्ज्ञान के विकास के लिए बहुत अहम है। हमें एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उम्मीदों से देख रही है।
उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तरह से पूरी दुनिया को अपना सामर्थ्य दिखाया है, अपना दमखम दिखाया है, उसने शूरवीरों की इस धरती का भी गौरव बढ़ाया है। आज भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है। आज भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इसलिए ऐसी हर बात, जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है। हमें अपने संकल्पों को सिद्ध कर दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है। मुझे पूरा विश्वास है कि भगवान श्री देवनारायणजी के आशीर्वाद से हम सब जरूर सफल होंगे। हम सब मिलकर कड़ा परिश्रम करेंगे। सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त होकर रहेगी।
उन्होंने कहा कि भारत केवल एक भू-भाग नहीं है बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और संभावनाओं की एक अभिव्यक्ति है। आज भारत अपने भविष्य की नींव रख रहा है, इसके पीछे जो सबसे बड़ी प्रेरणा शक्ति है, वो हमारे समाज की शक्ति है, जन-जन की शक्ति है।
मोदी ने कहा कि भारत के लोग हजारों साल पुराने अपने इतिहास, अपनी सभ्यता पर गर्व करते हैं। भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन कोई भी ताकत देश के अस्तित्व को समाप्त नहीं कर पाई।
केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित व वंचित रहा है। हम वंचितों को वरीयता मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए आज मुफ्त राशन मिल रहा है, मुफ्त इलाज मिल रहा है, गरीब को घर-गैस सिलेंडर को लेकर चिंता रहती थी, उसे भी हम दूर कर रहे हैं। गरीबों के बैंक खाते खुल रहे हैं।
मोदी ने कहा कि हमारा पशुधन हमारी परंपरा और आस्था का ही नहीं, बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत हिस्सा है इसलिए देश में पहली बार पशुपालकों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा शुरू की गई है। आज पूरे देश में गोबर धन योजना भी चल रही है, जो गोबर सहित खेती से निकलने वाले कचरे को कंचन में बदलने का अभियान है।
उन्होंने कहा कि पानी के महत्व को राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है, लेकिन आजादी के अनेक दशक बाद भी देश के केवल 3 करोड़ परिवारों तक ही नल से जल आपूर्ति की सुविधा थी और 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब 11 करोड़ से अधिक परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है।
मोदी ने कहा कि आज कोई प्रधानमंत्री नहीं आया है, बल्कि आप ही की तरह पूरे भक्तिभाव से मैं भी एक सामान्य यात्री की तरह यहां आया हूं। भगवान देवनारायण और जनता-जनार्दन का दर्शन कर मैं धन्य हो गया हूं। उन्होंने कहा कि श्री देवनारायणजी भगवान ने समाज में समरसता के भाव को फैलाया, समाज को एकजुट किया, एक आदर्श व्यवस्था कायम करने की दिशा में काम किया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यही कारण है कि समाज के हर वर्ग में उनके प्रति श्रद्धा और आस्था है। भगवान देवनारायणजी ने जो रास्ता दिखाया है, वह सबके साथ से सबके विकास का है और आज देश इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
जी20 की अध्यक्षता भारत को मिलने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि कैसा संयोग है कि भगवान देवनारायणजी का 1111वां अवतरण वर्ष है। उसी समय भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली है। भगवान देवनारायण का अवतरण कमल पर हुआ था। जी20 के लोगो में भी पृथ्वी को कमल पर विराजमान दिखाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी बड़ा संयोग है और हम तो वे लोग हैं जिनकी पैदाइश ही कमल के साथ हुई है। इसलिए हमारा-आपका नाता कुछ गहरा है। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। मोदी शनिवार सुबह विशेष विमान से डबोक हवाई अड्डे (उदयपुर) पर पहुंचे थे, जहां से वे हेलीकॉप्टर के जरिये मालासेरी आए।(भाषा)