एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डीएस रावत ने सोमवार को यहां बताया कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कसरत की पुरातन पद्धति के फायदे लेने और आध्यात्मिक विकास के लिए बड़ी संख्या में लोग योग की तरफ आ रहे हैं। इनमें छात्र, दिनभर थकानभरा काम करने वाले विभिन्न पेशों से जुड़े लोग, कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त लोग भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और मुंबई समेत 10 बड़े शहरों में 'योग या जिम' शीर्षक से सर्वे किया है।
रावत ने बताया कि इस दौरान 100 जिम प्रशिक्षकों, फिटनेस पेशेवरों तथा जिम में पसीना बहाने वाले 1,000 लोगों से बातचीत की गई। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि योग करने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एसोचैम का यह सर्वे ऐसे वक्त किया गया है, जब दुनिया 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारी में जुटी है।
रावत ने बताया कि योग की आदत ने एक अच्छा-खासा बाजार भी तैयार किया है। देश में अनुमान के तौर पर करीब 4 करोड़ लोग योगाभ्यास करते हैं। इसके लिए वे लगभग 1,000 करोड़ रुपए के विशेष वस्त्र, बिछावन, तौलिए और अन्य साजो-सामान का इस्तेमाल करते हैं। (भाषा)