पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का ये दावा कि उनकी पत्नी का स्टेज 4 का कैंसर हल्दी, नीम, नींबू और आंवला जैसे आयुर्वेदिक चीजों को खाने से ठीक हो गया है। बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। लोगों के बीच कैंसर के इलाज को लेकर सिद्दू का ये दावा चर्चा का विषय बना हुआ है। इन सब के बीच अब देश के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में एक टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के कैंसर के डॉक्टरों ने अपना स्टेटमेंट जारी किया है।
क्या कहना है टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के कैंसर के डॉक्टरों का
टाटा मेमेरियल अस्पताल के कैंसर के 200 से ज्यादा डॉक्टरों ने एक पत्र जारी कर लोगों से अपील की है। इस पत्र में डॉक्टरों ने कहा है कि पूर्व क्रिकेटर का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी पत्नी के स्तन कैंसर के इलाज के बारे में बता रहे हैं। वीडियो में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर कैंसर का इलाज और हल्दी और नीम का सेवन करने से उनके कैंसर को ठीक करने में मदद मिली।
पूर्व क्रिकेटर के इन दावों के बारे में डॉक्टरों ने कहा है कि मेडिकल साइंस में इस तरह के इलाज को लेकर कोई प्रमाण नहीं है। इस तरह के आयुर्वेद के नुस्खों पर रिसर्च जारी है, लेकिन वर्तमान में कोई डेटा नहीं है जो कैंसर विरोधी एजेंट के रूप में हल्दी या नीम को फायदेमंद मानता है। साथ ही डॉक्टरों ने एक पत्र जारी कर लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के दावों को सच न समझें। किसी भी प्रकार के कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर और कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लें। कैंसर का इलाज यदि समय रहते शुरू किया जाए तो ये बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है।
दावे को सच मानने की न करें गलती
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के अध्यक्ष डॉ सुवर्णकर दत्ता ने कहा कि गलत जानकारी की वजह से कैंसर के इलाज में देरी हो सकती है जो मरीज के लिए घातक हो सकती है। नीम, हल्दी जैसी चीजों में एंटी कैंसर एजेंट होते है या नहीं इसको लेकर शोध किए जा रहे हैं। डॉ सुवर्णकर दत्ता ने अपील की है कि ऐसे में सोशल मीडिया पर हो रहे दावों के चक्कर में न आएं और कैंसर के अपने इलाज में देरी न करें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए सोशल मीडिया से नहीं बल्कि विशेषज्ञों से परामर्श लें।
वेबदुनिया ने सिद्धू के दावे के बाद इंदौर में भी की थी कैंसर विशेषज्ञ से पड़ताल
नवजोत सिंह सिद्धू के अपनी पत्नी के इस तरीके से इलाज और ठीक होने के दावे के बाद वेबदुनिया ने विशेष ज्यूपिटर हॉस्पिटल की सीनिअर ओंकोलॉजिस्ट डॉक्टर रेणु दुबे से बात की थी। उन्होंने वेबदुनिया से कहा था कि ये एक रिसर्च का विषय है। हालांकि जिन लोगों को कैंसर है उन्हें एलोपेथिक दवाओं के साथ किसी भी तरह के आयुर्वेदिक उपायों को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। कई बार कुछ चीजें दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकती हैं।