देश में सोशल मीडिया और फेक न्यूज को लेकर चली बहस के बीच नेशनल क्राइम ब्यूरो (NCRB) ने पहली बार फेक न्यूज,अफवाह फैलाने को भी अपराध की श्रेणी में मानते हुए उससे जुड़े आंकड़ों को प्रकाशित किया है। एक साल देरी से आई नेशनल क्राइम ब्यूरो की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में फेक न्यूज को लेकर कुल 257 मामले दर्ज किए गए है। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में फेक न्यूज और अफवाह फैलाने के मामले को लेकर सबसे अधिक 138 मामले दर्ज किए गए। वहीं अपराध के मामले में नंबर वन उत्तर प्रदेश में फेक न्यूज के केवल 32 मामले और सार्वधिक शिक्षित माने जाने वाले केरल में 18 मामले दर्ज किए गए है।
2017 की एनसीआरबी की रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर को लेकर फेक न्यूज का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में फेक न्यूज को लेकर मात्र 4 मामले ही दर्ज किए गए। यह तब है कि जब इस साल जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के लिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज (खबरों) को सरकार ने सबसे बड़ी चुनौती माना था।
NCRB के रिपोर्ट को मानें तो बिहार, हरियाणा और झारखंड में साल 2017 में फेक न्यूज का कोई भी मामला सामने नहीं आया यह तब है जब पिछले कुछ सालों में इन राज्यों बढ़ती मॉब लिचिंग की घटनाओं के पीछे सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को बड़े पैमाने पर जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक देश के पूर्वातर राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश,मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में फेक न्यूज का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। फेक न्यूज को लेकर नेशनल क्राइम ब्यूरो ने ऐसे मामलों को शामिल किया है जो IPC की धारा 505 और आईटी एक्ट के तहत दर्ज किए गए है।