उल्लेखनीय है कि देश के 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 5 मई को नीट-यूजी की परीक्षा का आयोजन किया गया था और चार जून को इसका परिणाम जारी किया गया था। इसके बाद अभ्यार्थियों ने परिणाम में धांधलेबाजी का आरोप लगाते हुए बताया कि 67 अभ्यर्थियों को शीर्ष रैंक के साथ 720/720 अंक मिले हैं।
नीट परीक्षा दोबारा कराने और काउंसलिंग रद्द करने की मांग को लेकर छात्र सड़क पर है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने परिणामों में अनियमितता के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि एनसीईआरटी (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय लगने पर दिए गए ग्रेस अंक कुछ ऐसे कारण हैं जिनसे छात्रों को अधिक अंक मिले हैं।
एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह शिक्षा मंत्रालय ने नीट परीक्षा विवाद पर कहा कि नीट-यूजी में कृपांक पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की पुन: जांच करने के लिए समिति गठित की। उन्होंने कहा कि नीट-यूजी में कृपांक के साथ क्षतिपूर्ति से अर्हता मानदंड प्रभावित नहीं हुआ है।