यह दवाई प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करके जल्दी संक्रमण मुक्त होने में मदद करेगी। आईआईसीटी के निदेशक एस. चंद्रशेखर ने कहा कि अगर यह दवाई परीक्षण में सफल रहती है तो भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी। क्योंकि भारत इस महत्वपूर्ण दवा के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। ऐसे में यह दवा काफी किफायती दाम पर उपलब्ध हो सकेगी।