निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि विमान बेचने वाली विदेशी कंपनी भारत की सरकारी या निजी कंपनी किसी के साथ भी समझौता कर सकती है, यह नियम कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने ही बनाया था?
क्या अब कांग्रेस कह रही है कि यह नियम गलत है। इस नियम के तहत ही एचएएल और राफेल विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट एविएशन के बीच बातचीत हुई थी लेकिन उनके बीच उत्पादन शर्तों को लेकर समझौता नहीं हो पाया और एचएएल सौदे से बाहर हो गई। इसलिए एचएएल को सौदे से बाहर रखने का आरोप मोदी सरकार पर लगाना गलत है। उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को एचएएल के हितों की रक्षा करनी चाहिए थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।