नई दिल्ली। दूरसंचार आपरेटरों को उनके प्रतिद्वंद्वी के नेटवर्क पर की गई प्रत्येक कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक देना होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने किसी आपरेटर के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली मोबाइल कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट के शुल्क को एक साल के लिए बढ़ा दिया है।
ट्राई ने कहा कि वायरलेस से वायरलेस घरेलू कॉल्स पर छह पैसे प्रति मिनट का टर्मिनेशन शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक जारी रहेगा। पहले यह शुल्क 14 पैसे प्रति मिनट था। एक अक्टूबर, 2017 को इसे घटाकर छह पैसे प्रति मिनट किया गया था। एक जनवरी, 2020 से इस शुल्क को समाप्त किया जाना था।
एक अनुमान के अनुसार इंटरकनेक्ट शुल्क को 14 पैसे से छह पैसे प्रति मिनट किए जाने के बाद आपरेटरों को 11,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यदि इसे एक जनवरी, 2020 से समाप्त किया जाता, तो इससे क्षेत्र पर 3,672 करोड़ रुपये का प्रभाव और पड़ता।