हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब ममता ने इस मुद्दे पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार एनआरसी लिस्ट के बहाने असम से बंगालियों को खदेड़ने की साजिश रच रही है। ममता ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि उन्हें आग से नहीं खेलना चाहिए। इस बयान के बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील शैलेन्द्र नाथ ने एक शिकायत भी दर्ज कराई थी।
दूसरी ओर एनआरसी पर गृहमंत्री राजनाथसिंह ने कहा है कि मैं इस बात को पूरा जोर देकर कहना चाहता हूं कि यह एक मसौदा है, अंतिम एनआरसी नहीं। हर किसी को दावे एवं आपत्तियां देने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। कानून में इसका प्रावधान है और हर किसी को सुनवाई का मौका मिलेगा, उसके बाद ही अंतिम एनआरसी का प्रकाशन होगा।