आपातकाल पर एक प्रस्ताव पढ़ते हुए बिरला ने कहा कि अब हम सभी आपातकाल के दौरान कांग्रेस की तानाशाही सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले नागरिकों की स्मृति में मौन रखते हैं। इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने कुछ देर मौन रखा, हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और टोकाटाकी जारी रखी।
उनका कहना था कि भारत के इतिहास में 25 जून, 1975 को काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। उस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था और बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था।
बिरला ने दावा किया कि इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए थे।