नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को बताया कि संसद की कैंटीन में सांसदों व अन्य को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी बंद कर दी गई है जिससे अब इन कैंटीनों का भोजन महंगा हो जाएगा। बिरला ने इससे जुड़े वित्तीय पहलुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि सूत्रों ने बताया कि सब्सिडी समाप्त किए जाने से लोकसभा सचिवालय को सालाना 8 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी।
लोकसभा अध्यक्ष ने बजट सत्र की तैयारियों के बारे में बातचीत के दौरान कहा कि संसद की कैंटीनों के जरिए उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन पर सब्सिडी समाप्त कर दी गई है और इससे कई करोड़ रुपए की बचत होगी। इससे निश्चित तौर पर कीमतें बढ़ जाएंगी लेकिन फिर भी यह बाजार भाव से कम होगी। यह फैसला राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करके लिया गया है। उत्तर रेलवे के बजाय अब भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) संसद की कैंटीनों का संचालन करेगा।
सूत्रों के अनुसार संशोधित दर के अनुसार चाय पहले की तरह 5 रुपए में, काफी और नींबू की चाय क्रमश: 10 रुपए और 14 रुपए में मिलेगी। निरामिष थाली 100 रुपए में मिल सकती है, जो पहले 60 रुपए में मिलती थी, हालांकि पके हुए भोजन की कीमत के बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से कोविड-19 जांच कराने का अनुरोध किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सांसदों के आवास के निकट भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। केंद्र, राज्यों द्वारा निर्धारित की गई टीकाकरण अभियान नीति सांसदों पर भी लागू होगी। संसद परिसर में 27-28 जनवरी को आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी तथासांसदों के परिवार व कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच के भी प्रबंध किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ये परीक्षण संसद भवन परिसर (पीएचसी) में किए जाएंगे। पीएचसी के अलावा अन्य स्थानों पर भी परीक्षण किए जाएंगे जिनमे नॉर्थ एवेन्यू, साउथ एवेन्यू, बीडी मार्ग आदि शामिल हैं। तत्काल कोविड चिकित्सा के लिए सदस्यों को आपातकालीन वार्ड आरएमएल अस्पताल में उपलब्ध किए जाएंगे।