विपक्षी सांसदों ने यह सवाल किया कि क्या देश एकसाथ चुनाव कराने के लिए तैयार है, क्योंकि हाल ही में महाराष्ट्र झारखंड, और जम्मू-कश्मीर में एकसाथ विधानसभा चुनाव नहीं कराए जा सके। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने कुछ महीने पहले भी एक देश, एक चुनाव का विरोध किया था और उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
रमेश ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी के रुख में कुछ बदलाव नहीं हुआ है। खरगे ने समिति को इस साल 17 जनवरी को पत्र लिखकर एक देश, एक चुनाव के विचार का पुरजोर विरोध किया था।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई ने कहा, एक देश, एक चुनाव सुनने में अच्छा लगता है। अगर देश उस दिशा में जा सकता है, तो इससे अच्छा कुछ नहीं। लेकिन हकीकत क्या है? क्या चुनाव आयोग इसके लिए तैयार है? क्या हमारे पास पर्याप्त बल, बुनियादी ढांचा है?