One Nation One Election: एक देश और एक चुनाव को लेकर देश में लंबे समय से बहस और कवायद चल रही है। जल्दी ही इसे लेकर कोई बड़ी खबर आ सकती है। क्योंकि One Nation One Election को लेकर अब गतिविधियां तेज हो गई हैं।
दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। इस रिपोर्ट में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के सरकार के विचार का समर्थन करने की संभावना है। इसमें एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के विचार का समर्थन किया जा सकता है। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है।
क्या है रिपोर्ट में : रिपोर्ट में 2029 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन की सिफारिश की जा सकती है। इसमें त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद सरकार गिरने या दल बदल के कारण सरकार के अल्पमत में आने जैसी स्थितियों के लिए भी विशेष उपाय शामिल किए जाएंगे।
कितना खर्च आएगा : अब अगर ऐसा होता है तो सवाल उठता है कि इस सिस्टम में कितना खर्च होगा। भारतीय निर्वाचन आयोग ने बताया है कि अगर भारत में एक देश एक चुनाव की व्यवस्था लागू होती है तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित कराने पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) खरीदने के लिए हर 15 साल में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
पहले भी हुआ है ऐसा : आपको बता दें कि 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन इसके बाद राज्यों में गठबंधन की सरकारें गिरने और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्धारित समय से पहले 1971 में लोकसभा चुनाव कराने के फैसले से यह क्रम टूट गया। अब एक साथ चुनाव कराने के केंद्र के विचार का कांग्रेस, माकपा, भाकपा, डीएमके और टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है। हालांकि, बीजेपी ने इसका लगातार समर्थन किया है।
क्या है पीएम मोदी का पक्ष : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने One Nation One Election यानी एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का समर्थन किया है। उनका कहना है कि बार-बार चुनाव कराने से विकास कार्य प्रभावित होता है। अगर एक साथ चुनाव कराया जाए तो इससे सरकार का पैसा बचेगा।
कौन शामिल हैं 7 सदस्यीय कमेटी में : One Nation One Election के लिए एक 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें राम नाथ कोविंद के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष रहे एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं। वहीं, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
इन देशों में है वन इलेक्शन सिस्टम : एक देश एक चुनाव या वन नेशन वन इलेक्शन कोई नई बात नहीं है। यह सिस्टम दुनिया के कई देशों में लागू है। भारत में 1967 इस आधार पर देश में लोकसभा और राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भंग कर दी गई और इसके कारण एक देश-एक चुनाव की परंपरा भी खत्म हो गई। वर्तमान में जर्मनी, हंगरी, इंडोनेशिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, बेल्जियम, स्लोवेनिया और अल्बानिया जैसे देशों में एक ही बार चुनाव कराने की परंपरा है।
Edited by Navin Rangiyal