उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर भारत की समान प्रक्रिया ने उन देशों के बारे में हमारी नीति को बेहतर तरीके से उजागर किया है, जो आतंकवाद को अपनी विदेश नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। हमने स्पष्ट कर दिया है कि नया भारत अपनी सरजमीं पर आतंकी हमलों को चुपचाप नहीं झेलता रहेगा।
रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) में 'भारत की पहले पड़ोस नीति : क्षेत्रीय धारणा' विषय पर 12वें दक्षिण एशिया सम्मेलन को उन्होंने संबोधित करते उन्होंने कहा कि हमने दिखा दिया है कि भले भारत अहिंसा, धैर्य और आदर-सत्कार की धरती हैं, लेकिन अपने लोगों की हिफाजत के लिए हम कठोर कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह (पाकिस्तान) इसका केंद्र, शिल्पकार और निर्यातक बन गया है। कट्टरता आतंकवाद का अटूट हिस्सा है। यह सीमाएं नहीं जानता है और राष्ट्रीयता की पहचान नहीं करता। उस संदर्भ में आतंकवाद की एक बड़ी वजह कट्टरता हमारे क्षेत्र में बढ़ रही है और हम सबको इसके खिलाफ हाथ मिलाना होगा।