एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा जैसे ही शुरू हुई, तेलुगू देशम पार्टी तथा वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने, अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल विवाद प्रकरण, तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य राज्य में आरक्षण का कोटा बढ़ाने तथा कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस सदस्य बैंक घोटाले और नीरव मोदी, ललित मोदी विजय माल्या के फरार होने के मुद्दों को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए।
मुस्लिम लीग, राष्ट्रीय जनता दल आदि के सदस्य भी सदन के बीचोंबीच आ गये। माकपा के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करते देखे गए। तेदेपा के सदस्यों ने पीले रंग और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने सफेद, लाल और काले रंग का तिरंगा पटका पहन रखा था। तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने गुलाबी रंग के अंगवस्त्र पहने हुए थे।
श्रीमती महाजन ने हंगामे और नारेबाजी के बीच जरूरी दस्तावेज एवं स्थायी समितियों के प्रतिवेदन सदन पटल पर रखवाए और नियम 377 के तहत सदस्यों से अपने मामले लिखित रूप में पटल पर रखने को कहा। इस बीच भारी हंगामा जारी रहा और सदस्य हाथों में तख्तियां और पोस्टर लिये नारेबारी करते रहे। सदस्यों का सदन न चलने देने का रुख भांपकर अध्यक्ष ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
दूसरी ओर राज्यसभा में विपक्षी दलों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में घोटाले, कावेरी बोर्ड प्रबंधन के गठन और आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से जुड़े मुद्दों को लेकर आज सातवें दिन भी भारी हंगामा किया जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सभापति एम. वेंकैया नायडु ने सुबह आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद कार्यवाही शुरू करनी चाही वैसे ही अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेलगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य अपनी सीट से उठकर आसन के निकट बढने लगे तो सदन की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व नायडू ने सदस्यों से नियमों के तहत मुद्दों को उठाने और कामकाज चलने देने का अनुरोध किया। (वार्ता)