केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और यही वजह है कि उसने अपनी ओर से कहा कि आरोपों की जांच के लिए वह क्षेत्र के विशेषज्ञों की समिति का गठन करेगा। कोर्ट ने कहा कि अब हमें ही आदेश देना होगा। इससे पूर्व हुई सुनवाई में केंद्र ने हलफनामा दाखिल करने के लिए दो बार समय लिया था, लेकिन अब उसने सीधे तौर पर इनकार कर दिया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि सरकार ने किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित जानकारी को हलफनामे का हिस्सा बनाना राष्ट्रहित में नहीं होगा। मेहता ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश की जाएगी।
मामले में सुनवाई अभी चल रही है। ये याचिकाएं, सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की इजराइल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी की खबरों से संबंधित है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने कहा था कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 300 से अधिक भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया था।(भाषा)