पीएम मोदी ने 70 देशों के कृषि अर्थशास्‍त्रियों को बताया, भारत कर रहा है कौन सा बड़ा काम?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 3 अगस्त 2024 (12:05 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 70 देशों के कृषि अर्थशास्‍त्रियों से कहा कि भारत एक खाद्य अधिशेष देश बन गया है और वह वैश्विक खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है। खाद्य अधिशेष से मतलब देश में उपभोग से ज्यादा खाद्यान्न उपलब्ध होने से है।
 
भारत में 65 वर्षों के बाद आयोजित किए जा रहे कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश का आम बजट 2024-25 टिकाऊ खेती पर केंद्रित है।
 
मोदी ने कहा कि पिछली बार जब भारत ने इस सम्मेलन की मेजबानी की थी, तब उसे आजादी मिले ज्यादा समय नहीं हुआ था और वह दौर देश में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण दौर था। उन्होंने कहा कि भारत अब एक खाद्य अधिशेष देश है। यह दुनिया में दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा, भारत खाद्यान्न, फल, सब्जी, कपास, चीनी और चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी बन गया है।
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Addressing the International Conference of Agricultural Economists. We are strengthening the agriculture sector with reforms and measures aimed at improving the lives of farmers. https://t.co/HfTQnCWkvp

— Narendra Modi (@narendramodi) August 3, 2024 >
पीएम मोदी ने कहा कि एक दौर था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए चिंता का सबब थी। अब, भारत वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में जलवायु परिवर्तन के प्रति कम संवेदनशील फसलों की 1,900 नयी प्रजातियां प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि भारत रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है। देश पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ रहा है।
 
कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया के 70 देशों के लगभग 1,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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