नरेन्द्र मोदी किम जोंग उन की तरह, 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

सोमवार, 16 अक्टूबर 2017 (08:59 IST)
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने 22 व्यापारियों के खिलाफ धारा 153 और 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से करते हुए शहर भर में पोस्टर लगाए थे।
 
उल्लेखनीय है कि धारा 153 और 505 जन भावनाएं और दंगा भड़काना की धाराएं हैं जिसके तहत ये मामला दर्ज किया गया।   
 
पोस्टर में एक तरफ किम जोंग की तस्वीर लगी है और उस पर लिखा है, 'उत्तर कोरिया को तबाह करने वाला।' दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर है और उस पर लिखा है, 'व्यापार को तबाह करने वाला।'
 
12 अक्टूबर की सुबह ये होर्डिंग शहर में कई जगहों पर लगाई गई थी। इस पोस्टर के सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया, जिस व्यापारी ने इस पोस्टर को शहर के कई स्थानों पर लगाया था, पुलिस पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में 22 व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर हुई है और एक को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
 
दरअसल, जब बैंक ने कानपुर में कुछ व्यापारियों के पैसे सिक्कों में जमा करने से इनकार किया तो व्यापारियों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना किम जोंग उन से कर डाली है और उनका पोस्टर किम जोंग के साथ कई जगह पर चिपका दिया। 
 
कानपुर में छोटे बड़े लाखों व्यापारी हैं। व्यापारियों का कहना है कि जब दिवाली के समय ही हमारे व्यापार की लाखों रेजगारी कोई नहीं ले रहा है, तो हम कहां जाएं।
 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जिन 22 व्यापारियों का नाम इस पोस्टर पर था, पुलिस ने उन सब के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसके अलावा पोस्टर लगा रहे प्रवीण कुमार अग्निहोत्री को गिरफ्तार किया गया था पर बाद में रिहा कर दिया गया है। मामले का मुख्य आरोपी राजू खन्ना को बनाया गया है, जिनकी फोटो पोस्टर पर लगी है।
 
राजू का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ व्यापारियों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान खींचना था। नोटबंदी के बाद बाजार में बड़े नोट कम हो गए हैं। जिनके चलते उन लोगों के पास बड़ी तादाद में सिक्के आते हैं। बैंक बड़े पेमेंट दस रुपए के सिक्कों में नहीं लेते हैं, जिसके चलते उनका व्यापार बंद होने की कगार पर पहुंच रहा है।
 
व्यापारियों का कहना है कि थोक बाजार में कई लोगों के पास 10-15 लाख रुपए के सिक्के हैं, जबकि फुटकर दुकानदारों के पास 6-7 लाख रुपए के सिक्के हैं लेकिन बैंक इन्हें जमा करने से इनकार कर रहे हैं।

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