प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पाइपलाइन से मेंगलोर केमिकल एवं फर्टिलाइजर प्लांट को ऊर्जा मिलेगी जिससे कम खर्च में खाद बनाने में मदद मिलेगी। इससे मेंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल को भी ऊर्जा मिलेगी। इसके साथ ही दोनों राज्यों में प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। जब ये पाइपलाइन पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगी तो देश की हजारों करोड़ की विदेशी मुद्रा भी बचेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहली इंटरस्टेट नेचुरल गैस पाइपलाइन वर्ष 1987 में कमीशन हुई थी। इसके बाद वर्ष 2014 तक यानी 27 साल में 15,000 किलोमीटर नैचुरल गैस पाइपलाइन बनी। आज देशभर में 16,000 किलोमीटर से ज्यादा नई गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है। ये काम अगले 4 से 6 वर्षों में पूरा होने वाला है।
उन्होंने कहा कि देश में पहला सीएनजी स्टेशन वर्ष 1992 के आसपास शुरू हुआ था। साल 2014 तक 22 साल में देश में इसकी संख्या 900 से ज्यादा नहीं थी जबकि पिछले 6 वर्षों में 1,500 के करीब नए स्टेशन शुरू हुए हैं। अब सरकार इस लक्ष्य पर काम कर रही है कि देशभर में सीएनजी स्टेशनों की संख्या को 10,000 तक पहुंचाया जाए। अभी जो ये पाइपलाइन कमीशन हुई है, उससे केरल और कर्नाटक के अनेक शहरों में 700 सीएनजी स्टेशन खोलने में मदद मिलेगी। (वार्ता)