उन्होंने कहा, 'सतत विश्व शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती वर्तमान में अनिवार्य रूप से राष्ट्रों के बीच का संघर्ष नहीं है।' इस अवसर पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, राजनयिक, नेता और दुनिया भर से आए बौद्ध नेता मौजूद थे।