पीएम मोदी बोले, मानवता के समक्ष खड़े प्रश्नों का समाधान भारत के पास

Webdunia
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022 (14:12 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के विभिन्न देशों में उपजे हालात की ओर इशारा करते हुए मंगलवार को कहा कि आज विश्व के सामने अनेक साझे संकट और चुनौतियां हैं और मानवता के समक्ष खड़े प्रश्नों का समाधान भारत के अनुभवों और उसके सांस्कृतिक सामर्थ्य से ही निकल सकता है।
 
पीएम मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर शिवगिरि तीर्थ यात्रा की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 25 साल बाद देश जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तो भारत की उपलब्धियां वैश्विक होनी चाहिए और इसके लिए उसकी दूरदृष्टि भी वैश्विक होनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश, कई सभ्यताएं जब अपने धर्म से भटकीं, तो वहां आध्यात्म की जगह भौतिकतावाद ने ले ली लेकिन भारत के ऋषियों, संतों और गुरुओं ने हमेशा विचार और व्यवहार का शोधन किया और उनका संवर्धन किया।
 
उन्होंने कहा कि आज हम जो भारत देख रहे हैं, आजादी के 75 सालों की जिस यात्रा को हमने देखा है, यह उन्हीं महापुरूषों के चिंतन और मंथन का परिणाम है। आजादी के हमारे मनीषियों ने जो मार्ग दिखाया था आज भारत उन लक्ष्यों के करीब पहुंच रहा है।’’
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से 25 साल बाद देश अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा और इसके मद्देनजर उन्होंने देशवासियों से नए लक्ष्य गढ़ने और नए संकल्प लेने का आह्वान किया।
 
उन्होंने कहा कि इन सौ सालों की यात्रा में हमारी उपलब्धियां वैश्विक होनी चाहिए और उसके लिए हमारा विजन भी वैश्विक होना चाहिए। आज विश्व के सामने अनेक साझी चुनौतियां हैं और साझे संकट भी हैं तथा कोरोना महामारी के समय दुनिया ने इसकी एक झलक भी देखी है।
 
उन्होंने कहा कि मानवता के सामने खड़े भविष्य के प्रश्नों का उत्तर भारत के अनुभवों और भारत के सांस्कृतिक सार्म्थय से ही निकल सकता है। उन्होंने संतों और आध्यात्मिक गुरुओं से महान परंपरा को आगे बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

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