स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के संबोधन अन्य प्रधानमंत्रियों के संबोधनों की तुलना में लंबे रहे हैं। आज से पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनका सबसे लंबा संबोधन 2016 में 96 मिनट का था, जबकि उनका सबसे छोटा संबोधन 2017 में था जब वह लगभग 56 मिनट बोले थे।
78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ दिया। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था।
पहली बार देश की बागडोर संभालने के बाद मोदी ने 2014 में, लाल किले से पहली बार 65 मिनट तक राष्ट्र को संबोधित किया था। साल 2015 में उनका संबोधन करीब 88 मिनट का था। साल 2018 में, मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 83 मिनट तक देश को संबोधित किया। इसके बाद, 2019 में, उन्होंने लगभग 92 मिनट तक बात की, जो उनका अब तक का दूसरा सबसे लंबा भाषण था।
साल 2020 में मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन 90 मिनट का था। वर्ष 2021 में उनका स्वतंत्रता दिवस संबोधन 88 मिनट का और 2022 में 74 मिनट का रहा। पिछले साल यानी 2023 में मोदी का संबोधन 90 मिनट का था। ALSO READ: PM मोदी ने लाल किले पर 11वीं बार तिरंगा फहराया, मनमोहन को पीछे छोड़ा
मोदी से पहले 1947 में जवाहरलाल नेहरू और 1997 में इंद्रकुमार गुजराल ने सबसे लंबा संबोधन दिया था, जो क्रमश: 72 मिनट और 71 मिनट का था। नेहरू और इंदिरा ने 1954 और 1966 में 14-14 मिनट का सबसे छोटा संबोधन दिया था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के कुछ सबसे छोटे संबोधन दिए। साल 2012 और 2013 में सिंह के संबोधन क्रमशः केवल 32 और 35 मिनट के थे। 2002 और 2003 में वाजपेयी के भाषण क्रमश: 25 और 30 मिनट के थे।