पीएम मोदी ने एक साथ शुरू किए 2 बड़े ‍अभियान, स्वच्छता को लेकर कही 10 खास बातें...

शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2021 (13:02 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और मिशन अमृत की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अभियान का लक्ष्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। जानिए पीएम के भाषण की 10 खास बातें...
 
-प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।
 
-उन्होंने कहा कि हमारे सफाई मित्र, हर रोज झाड़ू उठाकर सड़कों को साफ करने वाले हमारे भाई-बहन, कूड़े की दुर्गंध को बर्दास्त करते हुए कचरा साफ करने वाले हमारे साथी, सच्चे अर्थों में इस अभियान के महानायक हैं।
 
-स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है।
 
-आज शहरी विकास से जुड़े इस कार्यक्रम में, मैं किसी भी शहर के सबसे अहम साथियों में से एक की चर्चा अवश्य करना चाहता हूं। ये साथी हैं हमारे रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले- स्ट्रीट वेंडर्स। इन लोगों के लिए पीएम स्वनिधि योजना, आशा की एक नई किरण बनकर आई है।
 
-पीएम मोदी ने कहा कि देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। अभी अगस्त के महीने में ही देश ने नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रपेज पॉलिसी लॉन्च की है। ये नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, वेस्ट टू वेल्थ के अभियान को, सर्कुलर इकॉनॉमी को और मजबूती देती है। ये पॉलिसी देश के शहरों से प्रदूषण कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। इसका सिद्धांत है- रियूज, रिसाइकल और रिकवरी। सरकार ने सड़कों के निर्माण में भी वेस्ट के उपयोग पर बहुत ज्यादा जोर दिया है। 
 
-उन्होंने कहा कि 2014 के पहले के 7 वर्षों की बात करें, तो शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब सवा लाख करोड़ रुपये का ही बजट आवंटित था। हमारी सरकार के 7 वर्षों में शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब 4 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया।
 
-आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन वेस्ट, प्रोसेस कर रहा है। 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20 प्रतिशत से भी कम प्रोसेस होता था। आज हम करीब 70 प्रतिशत डेली वेस्ट प्रोसेस कर रहे हैं। अब हमें इसे 100 प्रतिशत तक लेकर जाना है।
 
-इस अवसर पर मोदी ने कहा कि जब निर्मल गुजरात अभियान जन-आंदोलन बना था, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले। इससे गुजरात को नई पहचान तो मिली ही, राज्य में पर्यटन भी बढ़ा। जन-आंदोलन की ये भावना स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का आधार है।
 
-मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है। ‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को Water secure cities’ बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।
 
-2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है Garbage-Free शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना।

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