कश्मीर : पुलिस का आरोप- पाकिस्तान के आतंकी संगठनों का चहेता था 'पारा'

Webdunia
रविवार, 6 जून 2021 (20:53 IST)
श्रीनगर/ नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का करीबी वरिष्ठ पीडीपी नेता वहीद-उर-रहमान पारा पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों का चहेता रहा है तथा 2007 से पत्रकार एवं नेता के रूप में उसका सफर ‘छल प्रपंच, धोखाधड़ी एवं पाखंड’ की कहानी रही है। उसके विरुद्ध पुलिस द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में ऐसा दावा किया गया है।

पारा पर आरोप है कि उसने राजनीतिक फायदे के वास्ते आतंकवादियों से सहयोग पाने के लिए उनके साथ साठगांठ कर रखा था और वह बदले में उन्हें कई तरह की मदद पहुंचाता था। फलस्वरूप कई आतंकवादी हमले हुए।

पांच सुरक्षा प्राप्त गवाहों एवं तकनीकी खुफिया की मदद से सीआईडी विभाग की शाखा अपराध जांच कश्मीर (सीआईके) ने हाल ही में एनआईए अदालत में आरोप पत्र दायर किया। उसमें आरोप लगाया गया है कि पारा की पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उनसे मिलीभगत थी और साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करता था कि उसके राजनीतिक विरोधियों का सफाया हो जाए।

यह आरोप पत्र 19 पन्नों का है और उसमें सैकड़ों पन्नों के अनुलग्नक भी हैं। आरोप पत्र में आतंकवादी संगठनों को भुगतान करके अपनी पार्टी के पक्ष में चुनावी पलड़ा भारी करने के लिए राजनीतिक विरोधियों का सफाया करने तथा अपने पार्टी नेताओं की मदद पहुंचाने के लक्षित प्रयासों की कई घटनाओं का जिक्र है।

हालांकि उसके वकील ने उसकी जमानत एवं हिरासती अर्जियों की सुनवाई के दौरान इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उनके मुवक्किल, जो पिछले साल जिला विकास परिषद का चुनाव जीते, को राजनीतिक बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

आरोप पत्र में पाकिस्तान में प्रशिक्षण पाए अबू दूजाना और अबू कासिम के साथ उसके संबधों का विस्तार से जिक्र है जो सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे। उसमें यह आरोप लगाया गया है कि वह उनसे व्यक्तिगत रूप से या उनके लिए काम करने वालों के माध्यम से मिला करता था।

आरोप पत्र में दावा किया गया है कि दुर्दांत पाकिस्तानी आतंकवादी अबू दूजाना की एक लड़की से जबरिया शादी में उसका ही हाथ था। पुलिस ने 2007 से ही उसके जीवन के सफर का पता लगाया है जब वह पाकिस्तान गया था और उसने प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का साक्षात्कार किया था एवं उसे दक्षिण कश्मीर में अपने गृह जिले पुलवामा से चलाए जा रहे अपने स्थानीय मीडिया चैनल पर प्रसारित किया था।
ALSO READ: Corona Jammu Kashmir Update : मई के 25 दिनों में 1379 ने गंवाई जान जम्मू कश्मीर में
पारा 2013 में पीडीपी में शामिल हुआ था और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल की सुरक्षित गोद में बैठते ही उसने व्यवस्थित ढंग से भारत और पाकिस्तान दोनों ओर अपनी जड़ें जमाने में लग गया। आरोप पत्र में कहा गया है कि पारा को भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए पाकिस्तानी प्रतिष्ठान से संकेत मिल गए थे और इससे उन्हें छोटे-मोटे रणनीतिक फायदा उठाने तथा धीरे लेकिन यकीनन तौर पर रणनीतिक दृष्टि से पाकिस्तान के पक्ष में संपूर्ण स्थिति को करने का मौका मिल गया, जो 13 सालों (2007-2020) तक खेला गया। यह छल प्रपंच, धोखाधड़ी एवं पाखंड की कहानी है।
ALSO READ: जम्मू कश्मीर में नि:शुल्क लगेगी Corona vaccine
यूएपीए और धनशोधन रोकथाम कानून के तहत मामलों की जांच के लिए अधिकृत सीआईके ने अवैध गतिवधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत पारा पर मुकदमे के लिए जम्मू कश्मीर के गृह विभाग से अनुमति ली।सीआईके ने ‘भरोसेमंद एवं गोपनीय सूत्रों’ के आधार पर पिछले साल कुछ अज्ञात नेताओं और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ALSO READ: जम्मू कश्मीर में 150 से अधिक रोहिंग्याओं को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू
इन सूत्रों ने बताया था कि कुछ राजनीतिक नेता अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रहे हैं और आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं। एनआईए के अनुसार पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया पारा हिज्बुल मुजाहिदीन एवं लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतवंकवादी संगठनों के साथ रहा है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख