Politics over Kolkata Doctor Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी का स्टेट है। यहां सरकार भी ममता की है। लेकिन शुक्रवार की शाम 4 बजे ममता बनर्जी उस रैली को लीड करेगीं जिसमें डॉक्टर्स और आम लोग रेप पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। सवाल यह है कि ममता बनर्जी आखिर किसके खिलाफ यह रैली कर रही हैं? जब राज्य आपका है, वहां सरकार भी आपकी है, पुलिस भी आपकी है और वहां का लॉ एंड ऑर्डर भी आपके हाथों में है।
दरअसल, कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और रेप का मामला पूरे देश में भड़क उठा है। पश्चिम बंगाल से लेकर महाराष्ट्र और अब गुजरात में भी डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा कर दी है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की निर्मम हत्या कर दी गई, उसके साथ रेप किया गया। (यह मामला गैंगरेप का भी हो सकता है) यह सब एक ऐसे शख्स ने किया जिसका अस्पताल से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन उसका अस्पताल बेखौफ आना- जाना था। दरअसल, अभियुक्त कोलकाता पुलिस के साथ सिविक वॉलंटियर के रूप में काम करता रहा। उसकी तैनाती कई बार अस्पताल के बाहर बनी पुलिस चौकी पर रही है।
भीड़ कैसे घुस गई अस्पताल में : जिस अस्पताल में यह बर्बर कांड हुआ वो पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े शहर कोलकाता में स्थित है। जाहिर है लॉ एंड ऑर्डर के साथ ही आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी। बावजूद इसके बुधवार देर रात यहां अज्ञात लोगों की भीड़ अस्पताल के इमरजेंसी एरिया में घुस जाती है और अस्पताल के तमाम उपकरणों, सीसीटीवी फुटेज और इंफ्रास्ट्रक्चर को तहस- नहस कर देती है। (ये अज्ञात लोग कौन थे, कहां से आए और किस संगठन या राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं यह जानकारी किसी को नहीं है) इस घटना के बाद पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन पुलिस ने अब तक यह नहीं बताया है कि जो लोग पकड़े गए वो कौन हैं। बता दें कि प्रदशर्नकारियों की मांग और विरोध के चलते हत्या और रेप का यह केस सीबीआई को सौंपा गया है। सवाल तो यह उठ रहा है कि इतनी बर्बर घटना घटने के बाद अस्पताल की सुरक्षा के लिए कोलकाता के नजदीकी थाने की पुलिस तैनात थी तो अचानक से इतनी भीड़ कहां से और कैसे आ गई? इसके बारे में भी पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।
अस्पताल की सुरक्षा तो आपके जिम्मे थी : सवाल यह है कि सीबीबाई इस केस की जांच करेगी। लेकिन अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ को रोकने और अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो ममता बनर्जी की पुलिस की थी। तो ऐसे में ममता बनर्जी रेली में शामिल होकर ये विरोध आखिर किसके खिलाफ कर रही हैं। अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो जाहिर है सीबीआई तो नहीं है।
क्या राजनीति की भेंट चढ़ेगा केस : अब यह पूरा मामला राजनीति की भेंट चढ़ते नजर आ रहा है, क्योंकि अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भीड़ बीजेपी और वाम दलों के समर्थकों की थी, वहीं विधानसभा में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि भीड़ में जो लोग शामिल थे वो तृणमूल कांग्रेस के 'गुंडे' थे।
बीजेपी को दूसरे रेप केस नजर क्यों नहीं आ रहे : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का न्याय की मांग और विरोध प्रदर्शन करने वाली रेली में शामिल होना न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि ऐसा कर के वो अपने ऊपर उठ रहे इन सारे सवालों से बरी होना चाहती हैं। दूसरी तरफ कोलकाता के इस रेप और हत्या के केस ने बीजेपी को ममता को घेरने का एक मौका दे दिया है। क्योंकि केंद्र सरकार और बीजेपी को देश के दूसरे राज्यों में आए दिन होने वाले दुष्कर्म के केस नजर नहीं आ रहे हैं। केंद्र सरकार को सिर्फ पश्चिम बंगाल का रेप केस क्यों नजर आ रहा है? कुल मिलाकर कोलकाता बीजेपी, कांग्रेस और टीमएसी के लिए राजनीति का एक नया अखाडा है, जिसकी लपट और धूल में देश की एक और बेटी की हत्या और रेप धीमे-धीमे गुम हो जाएंगे और उस बेटी का परिवार घर से कोर्ट और कोर्ट से घर के बीच अपनी उम्र गुजार देगा।