इसे चालू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से संबंधित जो प्रक्रिया जरूरी है, वह भी एक सप्ताह के अंदर पूरी हो जाएगी। यहां एक प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि आईपीपीबी की सभी 650 शाखाएं मई से काम करना शुरू कर देंगी। इससे देशभर में फैले 1.50 लाख से अधिक डाकघर आईपीबीबी के ग्राहक केंद्र (एक्सेस पॉइंट) के तौर पर काम करने लगेंगे।
यह सरकार के सुदूर क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और सीधे नकद लाभ हस्तांतरण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। वह यहां डाक विभाग के देशभर से आए क्षेत्रीय प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने जनवरी 2017 में आईपीपीबी के लिए लाइसेंस जारी किया था। उसके बाद रांची और रायपुर में पायलट आधार पर आईपीपीबी की दो शाखाएं खोली गईं। उन्होंने यहां घोषणा की जल्द ही जबलपुर में डाक विभाग का एक नया क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाएगा।
सिन्हा ने कहा कि गत वर्ष के दौरान विभाग द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। देश के 1.29 लाख शाखा डाकघरों में से 62,000 से अधिक दर्पण (डिजिटिलाइजेशन ऑफ रूरल पोस्ट ऑफिसेस फॉर न्यू इंडिया) परियोजना के तहत जोड़े जा चुके हैं।
इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हाथ में रखे जाने वाले उपकरण (हैंडहेल्ड डिवाइस) के माध्यम से ग्राहकों को नवीन तकनीकी पर आधरित सेवाएं मिल रही हैं, जिनमें बैकिंग लेन-देन, बिल, बीमा प्रीमियम संग्रहण, रजिस्ट्री, पार्सल आदि का बुकिंग एवं वितरण शामिल है।
अभी तक 187 डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। शीघ्र ही और पासपोर्ट सेवा केंद्र इसी कड़ी में जुड़ने जा रहे है। उन्होंने कहा कि डाक विभाग द्वारा 13,000 से अधिक डाकघरों में आधार पंजीकरण एवं आधार नवीनीकरण का कार्य भी शुरू किया गया है। इससे आम जनता, खासतौर से समाज के गरीब एवं पिछड़ा तबके को विशेष रूप से लाभ होगा। (भाषा)