प्रवीण तोगड़िया कर रहे हैं संतों के साथ अयोध्या कूच की तैयारी

मंगलवार, 26 जून 2018 (18:40 IST)
लखनऊ। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को चार महीने का अल्टीमेटम देते हुए नवगठित अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद (अहिप) के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि यदि सरकार निर्धारित समयावधि में विधेयक नहीं लाती है तो संत समाज लखनऊ से अयोध्या तक मार्च करेगा।
 
तोगडिया ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा कि हम अयोध्या में राममंदिर निर्माण के संबंध में केन्द्र की मौजूदा भाजपा सरकार को लोकसभा में विधेयक लाने के लिए चार महीने का समय देते हैं अन्यथा साधु-संत अक्टूबर में लखनऊ से अयोध्या तक पैदल मार्च करेंगे। इससे पहले डॉ. तोगड़िया ने सोमवार को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के गठन की घोषणा की थी।
 
विश्व हिन्दू परिषद के भूतपूर्व नेता डॉ. तोगड़िया ने साफ किया कि वह 2014 से पहले खुद को धर्मनिरपेक्ष जताने वाले दलों का समर्थन नहीं करते थे मगर अब भाजपा सत्ता में है, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा का समर्थन नही करेंगे।



 
उन्होंने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन मौजूदा सरकार हिन्दूवादी दल के तौर पर पहचानी जाती है, लेकिन यह सरकार 2014 में जनता को किए गए वादों को पूरा करने में नाकारा साबित हुई है, जिसका परिणाम है कि कश्मीर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में हिन्दुओं के हितों का क्षरण हुआ है। 
 
तोगड़िया ने कहा कि युवकों को रोजगार मुहैया कराने, धारा 370 को हटाने, गौवध पर प्रतिबंध, बांग्लादेशियों के अवैध प्रवेश पर रोक, बच्चों को अच्छी शिक्षा और किसानों की हालत को बेहतर करने समेत तमाम मोर्चों पर सरकार चार साल में विफल रही है। देश की अधिसंख्य हिन्दू आबादी को उनके अधिकार दिलाने के लिए उनका संगठन आंदोलन को विवश हुआ है।
 
अहिप नेता ने इस मौके पर अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान मंदिर का मसौदा बिल जारी किया और दोहराया कि अयोध्या के साथ काशी और मथुरा के लिए हिन्दू समुदाय मांगपत्र पर हस्ताक्षर करेगा। उन्होंने कहा कि करीब दस लाख हिन्दू कार्यकर्ता दस करोड़ हिन्दू परिवारों के घरों में जाएंगे और अयोध्या, काशी और मथुरा में भव्य मंदिरों के निर्माण के मांगपत्र पर हस्ताक्षर कराएंगे। 
 
उन्होंने दावा किया कि उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पालनपुर में वर्ष 1987 में एक प्रस्ताव पारित हुआ था जिसमें अयोध्या में राममंदिर की वकालत की गई थी। प्रस्ताव में कहा गया था कि भाजपा जब सत्ता में आएगी तो इस संबंध में द्वारका की तरह कानून बनाया जाएगा, लेकिन विडंबना है कि भाजपा के सत्ता में चार साल बिताने के बाद भी कानून बनाने का वादा पूरा नही हो सका है। अहिप नेता ने कहा कि मुझे लगता है कि मोदीजी विदेश दौरों में अति व्यस्त हैं, इसीलिए हमने बिल का मसौदा तैयार कर सरकार को भेज दिया है। (वार्ता)

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